Tuesday, November 15, 2011

31 मई की वो रात

बड़े हसीं थे वो लम्हे चार
जिनकी याद आती है बार बार
31 मई की रात का वो अन्धकार
वक्त बेवक्त कर देता है मुझको लाचार

वो कैफे की बहार
वो दोस्तोँ का अनूठा प्यार
वो उनसे मिलना आखरी बार
वहीँ कहीं खड़ा था मैं, लाचार

वो मन की गति से हाथ का चलना
दोस्तोँ की डायरी को था जो भरना
वो कुछ देर और रुकने का बहाना
फिर दोस्तोँ का वो गाली सुनाना

फिर कहना था वो अंतिम अलविदा
अशोक से gate का वो आखिरी गुलजार
निकली बेगानो की एक टोली, होने को जुदा
रास्ते में ही आई उस पार से भी एक पुकार

उस पुकार की गूंज क्यूँ हटती नहीं
वो कारवां नज़रो से क्यूँ जाता नहीं
देखो, मेरे कंधे पर रख कर सर
आंसू बहा रहा है मेरा एक बिंदास हमसफ़र

उसके वो लफ्ज़ क्यूँ मुझको रुला रहे हैं
कोई रोको उन्हें, इतनी जल्दी बस को क्यूँ बुला रहे हैं
पर नसीब का निकला एक और खोट
और जल्दी आकर बस ने लगा दी दिल पे एक गहरी चोट

बस ने लगाई जोर से दहाड़
और ख़त्म हो गए वो सुहाने मौसम चार
पर चोट का था ऐसा प्रहार
मोबाइल में घुस कर बहा दी आंसू की धार

कैसे भूलूं, उस Dairy  Milk की मिठास
वो बस में भी लेना दोस्तोँ से उधार
उन गानो में छिपा वो दर्द भरा प्यार
वो विश्वास, वो फिर से मिलने की आस

एक कसक सी उठती है बार बार
कभी वो शब्द, वो गाने, तो कभी कुछ हालात
कभी वो लोग तो कभी उनका प्यार
मुश्किल कर देते हैं मेरे दिन और बेचैन मेरी रात |


This one is for those beautiful days and those amazing and wonderful people.

8 comments:

  1. You refreshed every moment we shared together with same intensity in different time span.
    Keep it up.
    With love,Luck and Light

    DP

    ReplyDelete
  2. Sir.. these feelings are such that they come out on their own.. Those days are always very much refreshed in my mind and heart..

    ReplyDelete
  3. It takes a minute to say hello and forever to say goodbye...probably the memories of d 31st May will linger forever...and so will that goodbye...

    ReplyDelete
  4. Nice abhinay Sahab...ye to gajab likh dala aapne...:)

    ReplyDelete
  5. chummi meri jaan magar kuch naya bhi daal

    ReplyDelete
  6. Abhinay u r a wonderful poet...do keep us posted regularly:)

    ReplyDelete
    Replies
    1. And thats a big thing coming from you.. Thanks! :)

      And, though regularly is tough, I will try writing!

      Delete