खुश हूँ
कल में भी खुश हूँ
आज में भी खुश हूँ
हर पल हर ज़ज्बात में खुश हूँ |
सुबह की आशा में खुश हूँ
रात के भरोसे में भी खुश हूँ
चाँद की शीतलता में खुश हूँ
तो सूरज की तपिश में भी खुश हूँ
रौशनी है तो खुश हूँ
पर अन्धकार में भी खुश हूँ
गलतियां सुधार कर खुश हूँ
तो कभी गलतियां करके ही
तो कभी गलतियां करके ही
कभी हाथ पाकर खुश हूँ
तो कभी हाथ बढाकर
कभी गिर कर खुश हूँ तो कभी किसी को उठाकर
और कभी किसी के उठने के लिए खुद को गिराकर
आसमान में उड़कर खुश हूँ
तो कभी पैदल चल कर ही
शौक पूरे होँ तो खुश हूँ
कभी बिना शौक के ही खुश हूँ
आराम में खुश हूँ
और दर्द में भी खुश हूँ
आँखें खोल कर खुश हूँ
आँखें बंद कर लूँ तो और भी खुश हूँ
भीड़ में खुश हूँ
तो तन्हाई में भी खुश हूँ
तुम साथ हो तो खुश हूँ
तुम्हारी यादोँ में भी खुश हूँ
कभी पंछियो की भाँति साथ चह चहाकर खुश हूँ
तो कभी चकोर की तरह अपनी चाँद को देख कर ही
प्यार कर के खुश हूँ
प्यार पाकर खुश हूँ
और प्यार देख कर भी खुश हूँ
कभी लहरोँ के साथ चलकर खुश हूँ
तो कभी हवाओं का रुख बदल कर खुश हूँ
सर उठाकर खुश हूँ
तो कहीं कहीं सर झुकाकर ही खुश हूँ
खुश हूँ
क्यूंकि ज़िन्दगी है
क्यूंकि मैं हूँ, तुम हो, हम साथ साथ हैं
खुश हूँ
क्यूंकि ज़िन्दगी को जीना है, काटना नहीं
क्यूंकि ज़िन्दगी जीने का मसकद ख़ुशी ही है |
कभी बिना शौक के ही खुश हूँ
आराम में खुश हूँ
और दर्द में भी खुश हूँ
आँखें खोल कर खुश हूँ
आँखें बंद कर लूँ तो और भी खुश हूँ
भीड़ में खुश हूँ
तो तन्हाई में भी खुश हूँ
तुम साथ हो तो खुश हूँ
तुम्हारी यादोँ में भी खुश हूँ
कभी पंछियो की भाँति साथ चह चहाकर खुश हूँ
तो कभी चकोर की तरह अपनी चाँद को देख कर ही
कभी कुछ कह कर खुश हूँ तो कभी तुमसे कुछ सुन कर
और कभी तुम्हारी ख़ामोशी में ही खुश हूँ
प्यार कर के खुश हूँ
प्यार पाकर खुश हूँ
और प्यार देख कर भी खुश हूँ
कभी लहरोँ के साथ चलकर खुश हूँ
तो कभी हवाओं का रुख बदल कर खुश हूँ
सर उठाकर खुश हूँ
तो कहीं कहीं सर झुकाकर ही खुश हूँ
खुश हूँ
क्यूंकि ज़िन्दगी है
क्यूंकि मैं हूँ, तुम हो, हम साथ साथ हैं
खुश हूँ
क्यूंकि ज़िन्दगी को जीना है, काटना नहीं
क्यूंकि ज़िन्दगी जीने का मसकद ख़ुशी ही है |
awesome sir....khush kar diya ....:)
ReplyDelete