Friday, November 11, 2011

दोस्त


दिन तो हो सकता है तेरे बिना
पर बिन तेरे बहुत मुश्किल है इसको हर रोज़ जीना
तू मेरी ज़िन्दगी का है एक खज़ाना
तो कभी है एक प्यारा सा बहाना

यूँ तो है तू बहुत ही जरुरी
फिर भी कभी कभी लगता है मज़बूरी
लगे अच्छी या लगे बुरी
तेरे बिना ज़िन्दगी तो है अधूरी ..

इस ज़ालिम दुनिया में एक हसीं नज़ारा है तू
इस बेदर्द भीड़ में एक जादुई सहारा है तू
ज़िन्दगी के इस रहगुजर में
एक अद्भुत सा हमसफ़र है तू

तन्हाई में एक विश्वास भरा साथ है तू
जरुरत पड़ने पर सबसे पहला हाथ है तू
कमजोर बाजुओं को भी जो कर दे प्रबल
ऐसा एक निःस्वार्थ बल है तू

गौर से देखे तो एक तजुर्बा है तू
कभी भांगड़ा है तो कभी गरबा है तू
विविध रसो में एक अद्वितीय हाला है तू
मेरी तो जीवन मधुशाला है तू

तुमको बदल नहीं सकता कोई भी trend  
मेरे दोस्त, हम तो कहते है तुमको FRIEND ..

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