बस यूँ ही,
दो पल बाँट लें क्या??
वर्षोँ से साथ तो निभाया है
थोड़ा वक्त भी कभी कभी निकाल लें क्या?
कभी कुछ कह लें
कभी सबसे सुन भी लें क्या?
जो ज्ञान बटोरते चल रहें हैं
थोड़ा सब में बाँट भी लें क्या?
कभी आशीर्वाद तो कभी प्रोत्साहन
कभी हिम्मत तो कभी शाबाशी
ऐसी ही रुत फिर चला लें क्या?
साथ में थोड़ा हस लें
थोड़ी टांगें खींच लें
कुछ अपने कुछ दुनिया के ग़म बाँट लें क्या?
बेमिसाल काम और भरपूर मस्ती का वो सिलसिला
अब भी चलाते रहें क्या??
बस यूँ ही .. थोड़े पल बाँट लें क्या??
बस यूँ ही ..
दो पल बाँट लें क्या??
वर्षोँ से साथ तो निभाया है
थोड़ा वक्त भी कभी कभी निकाल लें क्या?
कभी कुछ कह लें
कभी सबसे सुन भी लें क्या?
जो ज्ञान बटोरते चल रहें हैं
थोड़ा सब में बाँट भी लें क्या?
कभी आशीर्वाद तो कभी प्रोत्साहन
कभी हिम्मत तो कभी शाबाशी
ऐसी ही रुत फिर चला लें क्या?
साथ में थोड़ा हस लें
थोड़ी टांगें खींच लें
कुछ अपने कुछ दुनिया के ग़म बाँट लें क्या?
बेमिसाल काम और भरपूर मस्ती का वो सिलसिला
अब भी चलाते रहें क्या??
बस यूँ ही .. थोड़े पल बाँट लें क्या??
बस यूँ ही ..
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