मैं लिखना तो चाहता था मगर
तेरी वो करतूत न होती
तो शायद लिखने का सोच भी न पाता।
मैं लिखना तो चाहता था मगर
तेरी वो जिद न होती
तो शायद वो शुरुआत भी ना हो पाती।
मैं लिखना तो चाहता हूँ मगर
तेरी करतूतें थोड़ी धुंधला सी गयी हैं,
तूने कोई और जिद सी ठान ली है
और मेरे शब्द थोड़े बिखर से गए हैं।
तेरी वो करतूत न होती
तो शायद लिखने का सोच भी न पाता।
मैं लिखना तो चाहता था मगर
तेरी वो जिद न होती
तो शायद वो शुरुआत भी ना हो पाती।
मैं लिखना तो चाहता हूँ मगर
तेरी करतूतें थोड़ी धुंधला सी गयी हैं,
तूने कोई और जिद सी ठान ली है
और मेरे शब्द थोड़े बिखर से गए हैं।