इस अंजुली में प्यार इतना भर दे जरा
हर अंजुली की तृष्णा मिटाता मैं चलूँ ।
रंग इतने तू इस झोली में डाल दे
हर लम्हें को रंगीन बनाता मैं चलूँ ।
सुनहरा दृश्य एक ऐसा दे दिखा
हर दृश्य की गरिमा बढाता मैं चलूँ ।
तू मंजिल एक ऐसी दे बना
हर राह को मंजिल से मिलाता मैं चलूँ ।।
हर अंजुली की तृष्णा मिटाता मैं चलूँ ।
रंग इतने तू इस झोली में डाल दे
हर लम्हें को रंगीन बनाता मैं चलूँ ।
सुनहरा दृश्य एक ऐसा दे दिखा
हर दृश्य की गरिमा बढाता मैं चलूँ ।
तू मंजिल एक ऐसी दे बना
हर राह को मंजिल से मिलाता मैं चलूँ ।।